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जब बवासीर की नसें फट जाती हैं और खून निकलता है, तो उसे खून वाली बवासीर कहते हैं।

मलत्याग करते समय तनाव न लें : मल त्याग के दौरान जोर लगाने से गुदा और मलाशय में नसों पर दबाव पड़ सकता है। इससे बवासीर हो सकता है।

प्राथमिक देखभाल चिकित्सक आमतौर पर लक्षणों और शारीरिक जांच के आधार पर पाइल्स का निदान करते है। गुदा क्षेत्र की सावधानीपूर्वक जांच करने के लिए डॉक्टर पूरी शारीरिक जांच करते है। डॉक्टर निम्नलिखित प्रश्न पूछ सकता है:

आहार में फाइबर की कमी, अपर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन, खराब जीवन शैली, तनाव, मल त्यागते समय तनाव, कब्ज और दस्त, लंबे समय तक लगातार बैठे या खड़े रहना, शौचालय में लंबे समय तक बैठे रहना, अनल सेक्स, लगातार भारी सामान उठाने से, मोटापे से ग्रस्त होने की वजह से आपको पाइल्स हो सकता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के समय भी पाइल्स हो सकता है। अगर इसके लक्षणों की बात की जाये तो कई बार शुरूआती दिनों में रोगी में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते परन्तु कुछ समय बाद महसूस होने लगते हैं। पाइल्स के कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं-

इस ब्लॉग में हम बवासीर के कारण, लक्षण, घरेलू उपाय, आयुर्वेदिक चिकित्सा और जीवनशैली में बदलावों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ताकि आप इस समस्या को बेहतर तरीके से समझ सकें और इसे दूर कर सकें।

इसबगोल, त्रिफला जैसी प्राकृतिक चीज़ें कब्ज़ से राहत देने में मददगार हैं।

बर्फ़ से सिकाई करने से सूजन कम होती है और दर्द भी कंट्रोल में रहता है.

अरावली पर्वतमाला से घिरा पुष्कर सर्दियों में बेहद खूबसूरत होता है.

विस्तृत रोगी इतिहास : इसमें लक्षणों की सीमा, गंभीरता और अवधि, मल त्याग की आवृत्ति, संबंधित लक्षण (जैसे, कब्ज, मल असंयम), दैनिक आहार की आदतें, और मल त्याग का विवरण (जैसे, प्रत्येक मल त्याग और उसके दौरान बिताया गया समय) शामिल होना चाहिए।

अब आपको आयुर्वेद से जुड़ी सही जानकारी जानने के लिए इधर-उधर भटकने की ज़रूरत नहीं है। आप ‘अर्थ’ पोर्टल के ज़रिये एक ही जगह पर आयुर्वेद के सिद्धांत, उपचार और घरेलू इलाजों आदि के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल कर सकते हैं। “अर्थ” पोर्टल पर लिखित सारी जानकारी पतंजलि के आयुर्वेदिक विशेषज्ञों द्वारा प्रमाणित है साथ ही आप यहां बीमारियों से जुड़ी आयुर्वेदिक दवाइयों की सूची भी पा सकते हैं।

डोनट टेलबोन कुशन: यह कुशन विशेष रूप से बवासीर से पीड़ित लोगों के लिए check here बनाया गया है।

महिला बवासीर के घरेलू उपाय शामिल कर सकते हैं: फाइबर युक्त आहार की विशेष ध्यान देना, जैसे कि फल, सब्जियाँ, और अनाज। पर्यापन अभ्यास करना और पेट साफ रखना। पानी पीने की अधिक संख्या में ध्यान देना, ताकि पाचन सुधारे और सुखद दस्तावेज हो।

मस्सों को छुए या दबाएं नहीं, नियमित रूप से सफाई करें।

आहार में फाइबर, फल, और सलाद शामिल करें ताकि मल नरम रहे।

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